मूक आवाज शोध जॉर्नल (ISSN 2320-835X½
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वर्ष -1 अंक -4 अक्टूबर-दिसंबर 2013
क्रम संख्या आलेख एंव लेखक
संपादकीय : औपनिवेशिक
और हिंदू ज्ञानमीमांसा में आदिवासी – प्रमोद मीणा
1. नायक गढ़ने वाला एक महानायक: ओमप्रकाश वाल्मीकि’ - जयप्रकाश
कर्दम
2. लेखकों की इमेज से टकराता लेखक - वैभव सिंह
3. विज्ञापनों में देश -
आशुतोष पार्थेश्वर
4. हानूश’ - कला और
वर्चस्व की राजनीति - ऋतु
5. इक्कीसवीं सदी के प्रथम दशक के हिन्दी उपन्यासों में ‘व्यक्ति के मानसिक तनाव, उलझनें और
समाज’ – जमुना सुखाम
6. जातीय भाषाओं का ताना-बाना - डा. रामबिनोद रे
7. डा. रामविलास शर्मा का भाषाशास्त्रीय चिंतन : भारतीय भाषा
वैज्ञानिकों के गले की हड्डी - आनन्द बिहारी
8. मलयालम का आदिवासी साहित्य : चुनौतियां और
राहें - रम्या बालन के.
9. राग दरबारी में स्त्री पात्रों की स्थिति – आशुतोष शुक्ल
10. राष्ट्रीय आंदोलन में स्त्रियों की भागीदारी : स्वरूप और
दृष्टिटकोण - रूपम
11. मीडिया का अर्थशास्त्र-समाजशास्त्र - मोबिन जहोरोद्दीन
संपादकीय विभाग
सम्पादक
प्रमोद मीणा
सहायक प्रवक्ता
हिंदी विभाग
पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय,
पांडिच्चेरी - 605014
सह सम्पादक
जयराम कुमार पासवान
शोधार्थी, हिंदी विभाग
पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय,
पांडिच्चेरी - 605014
प्रवीण बसंती
शोधार्थी, हिंदी विभाग
पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय,
पांडिच्चेरी - 605014
सुरेश कुमार
शोधार्थी, हिंदी विभाग
लखनऊ विश्वविद्यालय
लखनऊ – 226024
संपादकीय कार्यालय –
मूक आवाज शोध जार्नल
हिंदी विभाग]
पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय
पांडिचेरी-605014
दूरभाष – 09344008481
-
09042442478
ईमेल - mookaawazhindi@gmail.com
pramod.du.raj@gmail.com
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